Tuesday, March 15, 2016

भारत में ‘डिजीटल पर्यटन’ ला रहे हैं गूगल और एएसआई – India’s’ digital tourism “and ASI are bringing Google in Hindi

indiasdigital

भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण और गूगल इंडिया ने एक साथ मिलकर डिजीटल माध्यमों पर ही ‘स्मारकों की यात्रा’ उपलब्ध करके देश में ‘डिजीटल पर्यटन’ की शुरुआत करने जा रहे हैं।
फ्रांस के एफिल टावर, अमेरिका के ग्रैंड कैनन और जापान के माउंट फुजी जैसे विश्व के प्रसिद्ध स्थानों को इंटरनेट पर लाने के बाद गूगल ने इसी क्रम में भारत के सौ प्रमुख स्मारकों और स्थलों को शामिल करने की शुरुआत कर दी है।
यह काम पूरा हो जाने पर ताजमहल, हुमायूं का मकबरा, खजुराहो और अजंता एवं एलोरा की गुफाओं के विहंगम दृश्य इंटरनेट पर दिखाई देंगे।
गूगल सांस्कृतिक संस्थान के निदेशक अमित सूद ने बताया, ‘हम अपने (आभासी) आगंतुकों के लिए एक सक्रिय अनुभव देना चाहते थे। हम यह अनुभव सिर्फ इन साइटों को देखने तक सीमित नहीं रखना चाहते। इसीलिए हम भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण, यूनेस्को, विश्व स्मारक कोष जैसी संस्थाओं के साथ साझेदारी करना चाहते हैं ताकि यूजर को आधिकारिक, वर्तमान और पुरानी सामग्री उपलब्ध कराकर उसके अनुभव को ज्यादा से ज्यादा समृद्ध बना सकें।’
संस्कृति मंत्रालय के तहत आने वाले भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने 100 स्मारक स्थलों की ‘संभावित सूची’ बनाई है और ‘नाम स्पष्ट हो जाने पर’ गूगल उन पर काम करेगा। गूगल ने हाल ही में इसी संदर्भ में कुतुब मीनार परिसर में मंत्रालय के साथ एक ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। कंपनी अपनी ‘स्ट्रीट व्यू ट्रेकर’ तकनीक के इस्तेमाल से भारत में पहली बार एप्लीकेशन का निर्माण करने जा रही है।
सूद ने कहा, ‘एफिल टॉवर, ग्रैंड कैनन, माउंट फुजी आदि हमारे गूगल मैप्स पर दिखते हैं और उन्हें वर्ल्ड वंडर्स साइट पर भी देखा जा सकता है। एक बार लाइव कर लेने पर भारतीय स्मारक भी वहां उपलब्ध हो जाएंगे।’ शुरुआत में कुतुब मीनार की प्रारंभिक यात्रा दिखाई गई और गूगल के एक कर्मचारी ने वहां के बगीचों में चलते हुए ‘स्ट्रीट व्यू ट्रेकर’ का प्रदर्शन किया। उन्होंने इसके लिए अपनी पीठ पर एक गैजेट बांधा हुआ था।
गूगल इंडिया ने कहा कि उसे 5 हजार साल के भारतीय इतिहास और 20 साल के इंटरनेट के इतिहास के बीच मेल और विरासतों के एक साझे ‘डिजीटल संग्रहण’ का बेहतरीन अवसर दिखाई दिया।

0 comments:

Post a Comment