नाना पाटेकर एक अनोखे अभिनय शैली के कलाकार है. वो अपने बोलने की शैली और लाइनों को बोलने के अपने तरीके से के लिए मशहूर है ,नाना पाटेकर ने नीलकंति पाटेकर से शादी की थी और उन्हे एक बेटे मल्हार पाटेकर है.लेकिन उनका शादी शुधा जीवन अच्छी तरह से ना चल सका और बाद मैं उनका तलाक में हो गया. नाना पाटेकरने ने फिल्म ‘परिंदा’ और अग्नि साक्षी ‘के लिए वर्ष 1990 और 1997 में सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता के लिए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीता. 1995 में, फिर से उन्हे ‘क्रांतिवीर’ में उनकी भूमिका के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार से सम्मानित किया गया. अपने कैरियर में उन्होंने फिल्म उद्योग में कई फिल्मफेयर पुरस्कार जीता. ‘अंगार’, ‘क्रांतिवीर’ और ‘अपहरण’ के लिए साल 1992, 1995 और 2006 में सर्वश्रेष्ठ खलनायक का फिल्मफेयर पुरस्कार जीता. हिन्दी फिल्मों के अलावा नाना पाटेकर कई मराठी फिल्मों और नाटकों में दिखाई दिए. 2011 में, वह उमेश विनायक कुलकर्णी की ‘देओल’, एक मराठी फिल्म में अभिनय किया. नाना पाटेकर गरीब और जरूरतमंद लोगों के लिए उदार दान के लिए जाने जाता है. फिल्म ‘प्रहार’ में सैन्यकर्मी की भूमिका के लिए भारतीय सेना से प्राप्त किया था और उन्हे प्रशिक्षण ख़त्म होने के बाद ऑनररी कॅप्टन’स रंक दिया गया था ,नाना पाटेकर ने फिल्म ‘आँच’ (2003), वजूद (1998)आ था और यशवंत (1997) जैसी फिल्मों में पार्श्व गायन भी किय था.
जाने नाना पाटेकर के बारे में – Know more about Nana Patekar in Hindi
नाना पाटेकर एक अनोखे अभिनय शैली के कलाकार है. वो अपने बोलने की शैली और लाइनों को बोलने के अपने तरीके से के लिए मशहूर है ,नाना पाटेकर ने नीलकंति पाटेकर से शादी की थी और उन्हे एक बेटे मल्हार पाटेकर है.लेकिन उनका शादी शुधा जीवन अच्छी तरह से ना चल सका और बाद मैं उनका तलाक में हो गया. नाना पाटेकरने ने फिल्म ‘परिंदा’ और अग्नि साक्षी ‘के लिए वर्ष 1990 और 1997 में सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता के लिए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीता. 1995 में, फिर से उन्हे ‘क्रांतिवीर’ में उनकी भूमिका के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार से सम्मानित किया गया. अपने कैरियर में उन्होंने फिल्म उद्योग में कई फिल्मफेयर पुरस्कार जीता. ‘अंगार’, ‘क्रांतिवीर’ और ‘अपहरण’ के लिए साल 1992, 1995 और 2006 में सर्वश्रेष्ठ खलनायक का फिल्मफेयर पुरस्कार जीता. हिन्दी फिल्मों के अलावा नाना पाटेकर कई मराठी फिल्मों और नाटकों में दिखाई दिए. 2011 में, वह उमेश विनायक कुलकर्णी की ‘देओल’, एक मराठी फिल्म में अभिनय किया. नाना पाटेकर गरीब और जरूरतमंद लोगों के लिए उदार दान के लिए जाने जाता है. फिल्म ‘प्रहार’ में सैन्यकर्मी की भूमिका के लिए भारतीय सेना से प्राप्त किया था और उन्हे प्रशिक्षण ख़त्म होने के बाद ऑनररी कॅप्टन’स रंक दिया गया था ,नाना पाटेकर ने फिल्म ‘आँच’ (2003), वजूद (1998)आ था और यशवंत (1997) जैसी फिल्मों में पार्श्व गायन भी किय था.
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